इन मापदंड़ों के अनुसार भौतिक साधनसंपन्नता ही विकास या प्रगति, ऐसा माना गया है.
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नि: संदेह, अभिभावक की साधनसंपन्नता उसे जीवन के विभिन्न कार्यों के लिये तैयार करने में महत्वपूर्ण सहायक तत्व होता है।
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नि: संदेह, अभिभावक की साधनसंपन्नता उसे जीवन के विभिन्न कार्यों के लिये तैयार करने में महत्वपूर्ण सहायक तत्व होता है।
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नि: संदेह, अभिभावक की साधनसंपन्नता उसे जीवन के विभिन्न कार्यों के लिये तैयार करने में महत्वपूर्ण सहायक तत्व होता है।
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ऐसे ही लेखक और आलोचकों के समूह बन जाते हैं, जो किसी ना किसी बहाने इस व्यवस्था को अपनी साधनसंपन्नता का मूल्य चुकाते रहते हैं …..
6.
थियेटरकर्म का सदुपयोग भी होता है, पर उसकी कला को कविता से साधने या कविता को नाट्यकला में ढालने का वैसा जहीन प्रयत्न कम है, जैसी की प्रतिभा व साधनसंपन्नता के चलते 'एकजुट‘ व नादिराजी से उम्मीद की जा सकती है....