| 1. | साम्प्रदायिक सहजबोध यही होता है, communal commonsense.
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| 2. | बहुत सारे सहजबोध इच्छा और अभ्यास से उत्पन्न नहीं होते?
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| 3. | मन का अभिप्राय हमारी चेतना, मस्तिष्क, या सहजबोध से है।
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| 4. | बहुत सारे सहजबोध इच्छा और अभ्यास से उत्पन्न नहीं होते?
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| 5. | जातियों को लेकर समाज में एक सहजबोध भी है. यह
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| 6. | सात्विक देव स्वरूप, सहजबोध मनुष्य तो ऐसा विचार भी नहीं कर सकते।
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| 7. | मन का अभिप्राय हमारी चेतना, मस्तिष्क, या सहजबोध से है।
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| 8. | तभी सहजबोध के अंतर्विरोध दूर किए जा सकेंगे और उसका परिष्कार हो पाएगा।
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| 9. | एक तरह से यह धारण हमारे सहजबोध का हिस्सा बना दी गई है।
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| 10. | एक तरह से यह धारण हमारे सहजबोध का हिस्सा बना दी गई है।
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