संज्ञा
| खारे पानी की वह विशाल राशि जो चारों ओर से पृथ्वी के स्थल भाग से घिरी हुई हो:"समुद्र रत्नों की खान है" पर्याय: समुद्र, सागर, सिंधु, सिन्धु, अंबुधि, अम्बुधि, उदधि, पयोधि, तोयनिधि, पयोनिधि, वारिधि, जलधि, जलनिधि, अब्धि, समुन्दर, समुंदर, समन्दर, समंदर, रत्नाकर, तिमिकोश, वारिनिधि, अपांनाथ, अपांनिधि, अपांपति, जलपति, वारींद्र, वारीन्द्र, वारिराशि, वारीश, पाथोधि, मगरधर, अबिंधन, अबिन्धन, नदीश, नदीपति, नदीकांत, नदीकान्त, नदराज, नदीन, तोयधि, नदीभल्लातक, झषनिकेत, तोयराज, तोयराशि, पाथोनिधि, अमीनिधि, पाथि, शुद्धोद, पयोधर, तीवर, तरंत, तरन्त, जलेश, जलेश्वर, अर्णव, अवधिमान, अवारपार, रत्नगर्भ, लक्ष्मी-तात, तोयालय, अविष, परांगव, मकरांक, मकरध्वज, मकरालय, मकरावास, यादईश, पाथनाथ, पाथनिधि, वरुणालय, वरुणवास, अधिरथी, यादःपति, वरुणोद, सलिलपति, सुदामा, सुदाम, सुदामन,
| | एक वैदिक देवता जो जल के अधिपति माने गये हैं:"वेदों में वरुण की पूजा का विधान है" पर्याय: वरुण, अंबुराज, जल देवता, जलाधिप, वरुण देव, वारिनाथ, सलिलेश, जलेश, मकराश्व, अपांपति, जलपति, वारिलोमा, केशगर्भ, जंबूक, नदीपति, तोयेश, इरेश, नदीन, नदीभल्लातक, पाशहस्त, नंदपाल, नन्दपाल, पयोदेव, संवृत्त, संवृत, दैत्यदेव, जलेश्वर, केश, वाम, दहर, धर्मपति, पाथस्पति, यादीश, यादःपति, सलिलपति, कुंडली, कुण्डली, अर्णवमंदिर,
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