अतः स्वेद निकलना तथा वाष्पन होनापर्यावरण के वायु-ताप पर अधिक निर्भर करता है.
2.
ऊष्ण वायु ठंडी वायु से हल्की होती है और ऊपर उठने लगती है. जबशरीर का ताप पर्यावरण के वायु-ताप से अधिक रहता है, तो शरीर अपना ताप त्याग देताऔर पर्यावरण पर्यावरण की वायु को ऊष्ण कर देता है.