संज्ञा
| चित्त का वह उग्र भाव जो कष्ट या हानि पहुँचाने वाले अथवा अनुचित काम करने वाले के प्रति होता है:"क्रोध से उन्मत्त व्यक्ति कुछ भी कर सकता है" पर्याय: क्रोध, गुस्सा, आक्रोश, कोप, रोष, खुन्नस, खुनस, अमर्ष, अनखाहट, क्षोभ, अमरख, रिस, रीस, अमर्षण, व्यारोष, दाप, कामानुज, असूया, आमर्ष, ताम, तमिस्र, कहर, मत्सर,
| | अप्रसन्न होने की अवस्था या भाव:"आखिर आपकी नाराज़गी की वजह क्या है ?" पर्याय: नाराज़गी, नाराजगी, नराज़गी, नराजगी, नाराजी, नाराज़ी, अप्रसन्नता, बेरूख़ी, बेरूखी, नाख़ुशी, नाखुशी, रंजीदगी, कोप, अनखाहट, खिन्नता, संरुष्टि, रुष्टता,
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