| 1. | त्रयक्षार-यवक्षार, सज्जीखार और सुहागा का मिश्रण त्रयक्षार कहलाता है।
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| 2. | यवक्षार या जौ का क्षार हल्के मटमैले रंग का होता है.
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| 3. | भूख कम लगती हो तो आधा ग्राम यवक्षार रोटी में रखकर खाएं.
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| 4. | 1. मसूढ़ों पर यवक्षार या सुहागे की खील शहद में मिलाकर लगाए।
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| 5. | पथरी हो तो इसके रस में १-१ चुटकी हींग व यवक्षार मिलाकर लें
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| 6. | पथरी हो तो इसके रस में १-१ चुटकी हींग व यवक्षार मिलाकर लें
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| 7. | कालीमिर्च, पुष्करमूल और यवक्षार को पानी उके साथ पीसकर गर्म पानी में घोलकर पीएं।
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| 8. | में एक ग्राम यवक्षार (जवाखार) मिला कर सुबह शाम नाश्ते के बाद दें ।
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| 9. | बहुत काल तक यह काष्ठराख से प्राप्त किया जाता था, जिसको संस्कृत ग्रंथों में यवक्षार कहा गया है।
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| 10. | जब यह काफी गाढ़ा हो जाए तो इसे सुखा लें. यही मटमैला सा पाऊडर यवक्षार कहलाता है.
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