| 1. | (२) मुख्यार्थ में कुछ-न-कुछ सम्बन्ध और
|
| 2. | (१) मुख्यार्थ में बाधा,
|
| 3. | उपादान लक्षणा-वाक्यार्थ में अंगरूप से अन्वित मुख्यार्थ जहाँ अन्य
|
| 4. | बतलाते हैं और उसे वाच्यार्थ या मुख्यार्थ मानते हैं।
|
| 5. | अभाव) और मुख्यार्थ से लक्ष्यार्थ का सम्बन्ध।
|
| 6. | इस लक्ष्यार्थ में मुख्यार्थ राजकुमार का
|
| 7. | लक्षणलक्षणा-जहाँ किसी शब्द का मुख्यार्थ अपने स्वरूप का समर्पण करके
|
| 8. | सूचना-उपादान में मुख्यार्थ का अन्वय अंगरूप से-लक्ष्यार्थ के साथ होता
|
| 9. | अभिधा-से बात का मुख्यार्थ प्रकट होता है.
|
| 10. | मुख्यार्थ का बाधा होने पर (
|