| 1. | परिन्दे मुअज़्ज़िन पर मुँह दाब के हँसने लगते।
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| 2. | पठान के पिता एक मस्ज़िद में मुअज़्ज़िन थे.
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| 3. | परिन्दे मुअज़्ज़िन पर मुँह दाब के हँसने लगते।
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| 4. | इस हड़बोम में मुअज़्ज़िन की दोपहर की नीन्द टूटती,
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| 5. | मुअज़्ज़िन खींचता रस्सी से गंगा जल।
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| 6. | इसी प्रकार मुअज़्ज़िन के “क़द क़ामतिस्सलाह” कहते समय “अक़ा-महल्लाहु व
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| 7. | कहते हैं: अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया: “जब मुअज़्ज़िन
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| 8. | कि मुअज़्ज़िन इक़ामत कहने का इरादा करता है, दुआ के बारे में का प्रश्न है तो इसमें
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| 9. | इस हड़बोम में मुअज़्ज़िन की दोपहर की नीन्द टूटती, और झट से मस्जिद किनारे आ लगती।
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| 10. | व सल्लम के मुअज़्ज़िन सअद अल-क़रज़ से रिवायत किया है कि उन्हों ने कहा: “नबी सल्लल्लाहु अलैहि
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