| 1. | वे गुण अनायास ही पाये, मातृरूप हुआ साकार।।
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| 2. | रूप की पूर्णता मातृरूप में होती है।
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| 3. | उसी जननि के मातृरूप की, ह्त्या क्यों करते हैं?
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| 4. | इसे मातृरूप में पूजा जाता है और यह शांति प्रदान करती है।
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| 5. | दोनो ही शब्द मातृरूप हैं अर्थात नन्दिनी भी आनंद प्रदान करनेवाली है।
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| 6. | शाक्त परंपरा में आदि भवानी को मातृरूप में पूजने की सामाजिक मान्यता है।
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| 7. | हरियाली अमावस प्रकृति के मातृरूप को समझने, अनुभव और अंगीकार करने का उत्सव है।
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| 8. | स्त्री के मातृरूप की क्षमता स्वीकार करते हुए भी उसका दमन किया गया.
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| 9. | हरियाली अमावस प्रकृति के मातृरूप को समझने, अनुभव और अंगीकार करने का उत्सव है।
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| 10. | पार्थिवदेवियों में पृथ्वी के जिस मातृरूप की कल्पना की गई है वह तो विश्व राष्ट्रका राष्ट्रगीत है.
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