उनका कहना था कि घंटा बजा कर उसकी प्रतिक्षण मद्दिम होती आवाज को ही सुनते रहना चाहिए।
5.
तक़रीबन एक सदी पहले दास्तानगोई का चलन धीरे-धीरे ख़त्म हो गया और इन कहानियों को सुनाने वाले दास्तानों की आवाज़ धीरे-धीरे मद्दिम होने लगी.
6.
ये जगमग चांद सितारे नहीं बाबू मुझे मद्दिम सी डिबिया में रहना है यहां नहीं बाबू यहां मन नहीं लगता चिकनी जुबान, चिकने लोग, चिकना फर्श मेरा पैर फिसलता है बाबू!
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ये जगमग चांद सितारे नहीं बाबू मुझे मद्दिम सी डिबिया में रहना है यहां नहीं बाबू यहां मन नहीं लगता चिकनी जुबान, चिकने लोग, चिकना फर्श मेरा पैर फिसलता है बाबू! यहा
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ये जगमग चांद सितारे नहीं बाबू मुझे मद्दिम सी डिबिया में रहना है यहां नहीं बाबू यहां मन नहीं लगता चिकनी जुबान, चिकने लोग, चिकना फर्श मेरा पैर फिसलता है बाबू! यहा...
9.
कितना अजनबी था यह तारा, पर कितना ख़ास हो गया था उसके लिए, इन चंद दिनों में पश्चिम का वह सितारा दूर आकाशगंगा के किनारे मद्दिम सा यदाकदा चमकता सा..
10.
हलांकि कि मद्दिम ही सही लेकिन राजनैतिक स्तर पर इसके लिए प्रयास हो रहे थे और साहित्य के क्षेत्र में नागार्जुन जैसे रचनाकार अपनी तरह से इन प्रयासों को बल प्रदान कर रहे थे।