निकट- 6 ' में मेरी चारों लघुकथाओं को अलग से उनका सम्मानीय स्पेश मिला।
7.
इस बार ‘ सृजन-यात्रा ' में ‘ निकट- 6 ' में छपी उन्हीं चार लघुकथाओं में से एक लघुकथा ‘ इस्तेमाल ' आपसे साझा कर रहा हूँ ।
8.
एक नवीन मांत्रिकों का नया तंत्र-मंत्र पनपेगा-पृथ्वी की हरियाली में, तुम्हारी तरह निष्ठुर हो वहाँ कोई पेड़ नहीं काटेगा आगे आयेगा काल से परे का असीम बुद्धिमान जीव और ठीक ईश्वर के सिंहासन के निकट- रोती हुई पृथ्वी तुम्हारे दोहन से सतायी गयी पृथ्वी बिल्कुल कण बराबर हो लौट जाएगी तुम्हारे पास से तुम्हें छोड़कर