शिलाजीत, एक काला चिपचिपा नि:स्राव पहाड़ों की चट्टानों से प्राप्त होता है, इसका आयुर्वेद में विभिन्न रोगों की चिकित्सा में अत्यधिक प्रयोग होता है।
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मसलन अगर कोई व्यक्ति यह दावा करता है कि उसे मधुमक्खी के उड़ने की आवाज आ रही है, तो सामान्य बात है, क्योंकि ऐसा होता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति खामोश नि:स्राव, भंवर की आवाज सुनने का दावा है तो इसे इसी श्रेणी के सिनेस्थेसिया में गिना जाता है।