इस प्रकार की आकृतियां मुख्यतः द्वारमण्डप के द्वितीय स्तर पर मिलती हैं।
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इस प्रकार की आकृतियां मुख्यतः द्वारमण्डप के द्वितीय स्तर पर मिलती हैं।
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[4] इस प्रकार की आकृतियां मुख्यतः द्वारमण्डप के द्वितीय स्तर पर मिलती हैं।
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इसमें औपनिवेशिक जीवन-शैली के सभी साजो-सामान विद्यमान हैं; सफेद द्वारमण्डप में सुन्दर स्तम्भ लगे हैं, बरामदे भी स्तंभावलीयुक्त हैं, बैठकखाने में १५वें लुई के फर्नीचर रखे हैं और जब आपको बहुत ठंड लगे तो आप अंगीठी के पास बैठ सकते हैं या हरे-भरे घासदार मैदानों पर खुलते झाड़फानूस वाले बरामदे में टांगें ऊपर पसार सकते हैं।