| 1. | जस्ती तार बनाने की विधि यह है कि उर्ध्वाधर तर्कु (
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| 2. | इसमें तीन या चार गोलार्ध आकृति के प्याले एक ऊर्ध्वाधर तर्कु (
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| 3. | प्रत्येक स्वाद कलिका स्तम्भी तर्कु आकार संवेदी तथा अवलम्बन कोशिकाओं का समूह होता है।
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| 4. | प्रत्येक स्वाद कलिका स्तम्भी तर्कु आकार संवेदी तथा अवलम्बन कोशिकाओं का समूह होता है।
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| 5. | तर्कु स्थानांतरण का प्रयोग करके वो सम्पूर्ण माईटोकोंड्रीया हटा दिया जाता है, जिसमे दोषपूर्ण माईटोकोंड्रीयल डीएनएहै.
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| 6. | तर्कु स्थानांतरण का प्रयोग करके वो सम्पूर्ण माईटोकोंड्रीया हटा दिया जाता है, जिसमे दोषपूर्ण माईटोकोंड्रीयल डीएनए है.
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| 7. | इस प्रकार बाह्य पटल का निर्माण संयोजी ऊतकी तंतुओंएवं तर्कु कोशिकाओं में लिपटी हुई एक काचाभ (ःयलिने) आधारक कला द्वारा होताहै.
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| 8. | तारककाय ध्रुवीय क्षेत्रों की ओर चले जाते हैं तथा तर्कु के रेशों को द्वितीय अर्धसूत्रीविभाजन के लिये व्यवस्थित करने लगते हैं.
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| 9. | में, सेंट्रोमीयरों में दो गुणसूत्रबिंदु होते हैं जो तारक कायों के तर्कु रेशों से प्रत्येक ध्रुव पर संलग्न हो जाते हैं.
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| 10. | तारककाय ध्रुवीय क्षेत्रों की ओर चले जाते हैं तथा तर्कु के रेशों को द्वितीय अर्धसूत्रीविभाजन के लिये व्यवस्थित करने लगते हैं.
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