या असद्भावना पूर्वक सूचना देने से इंकार किया जाता है।
2.
यह क्षुद्र और विनाशक आलोचना का समय नहीं है, असद्भावना या दूसरों पर आरोप लगाने का भी समय नहीं है।
3.
यह क्षुद्र और विनाशक आलोचना का समय नहीं ह ै, असद्भावना या दूसरों पर आरोप लगाने का भी समय नहीं है।
4.
यह क्षुद्र और विनाशक आलोचना का समय नहीं ह ै, असद्भावना या दूसरों पर आरोप लगाने का भी समय नहीं है।
5.
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153 ए में ऐसे किसी भी व्यक्ति को दण्ड मिल सकता है जो अन्य बातों के अलावा किसी भी दृश्य-प्रस्तुति के माध्यम से धार्मिक असद्भावना, वैमनस्य अथवा घृणा की भावना को फैलाता हो।
6.
क्षय धर्मा वस्तुएं-असद्भावना, असद्विचार, अहंकार, स्वार्थ, काम, क्रोध तथा लोभ पैदा करती है जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में आसुरीवृत्ति कहा है जबकि अक्षय धर्मा सकारात्मक चिंतन-मनन हमें दैवी संपदा की ओर ले जाता है।