संज्ञा
| वह अंग जिससे प्राणी बोलते और भोजन करते हैं:"वह इतना डर गया था कि उसके मुँह से आवाज़ ही नहीं निकल रही थी" पर्याय: मुँह, मुख, तुंडि, तुण्डि, वक्त्र, आस्य,
| | किसी वस्तु का वह भाग जहाँ उसकी लम्बाई या चौड़ाई समाप्त होती है:"इस थाली का किनारा बहुत ही पतला है" पर्याय: किनारा, किनार, कोर, सिरा, छोर, उपांत, आर, पालि, झालर,
| | किसी चीज़ के बीच में खाली जगह:"साँप ने कमरे में छेद से होकर प्रवेश किया" पर्याय: छेद, सुराख, सुराख़, छिद्र, सूराख, सूराख़, विवर, रंध्र, मोखा, श्वभ्र, शिगा, अवट, उछीर, विद्र,
| | नदी या जलाशय का किनारा:"नदी के तट पर वह नाव का इंतज़ार कर रहा था" पर्याय: तट, किनारा, तीर, कगार, साहिल, छोर, कूल, वेला, पश्ता, मंजुल, अवार, बारी,
| | घोड़े के मुँह में लगाया जाने वाला वह ढाँचा जिसके दोनों ओर रस्से या चमड़े के तस्मे बँधे रहते हैं:"घुड़सवार घोड़े की लगाम पकड़े हुए पैदल ही चल रहा था" पर्याय: लगाम, बागडोर, रास, बाग, करियारी, वल्गा, प्रासेव, बाग़, दहाना, अवक्षेपणी, अवच्छेपणी, धाम, लंगर,
| | वह स्थान जहाँ से कोई वस्तु मुड़ती है :"तार के मोड़ पर एक छिपकली बैठी है" पर्याय: मोड़,
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