संज्ञा
| एक प्रकार का बड़ा घोंघा जिसका कोष पवित्र माना जाता है और देवताओं के आगे बजाया जाता है:"शंख एक जलीय जन्तु है" पर्याय: शंख, शङ्ख, अंभोज, अम्भोज, कंबु, कम्बु, कंबुक, कम्बुक, अंबुज, शंबुक, शम्बुक, शंबूक, शम्बूक, संबुक, सम्बुक, सूचिकामुख, पूत, चंद्रबंधु, चन्द्रबन्धु, सिंधुज, सिन्धुज, सिंधुपुष्प, सिन्धुपुष्प, दैवारिप, अर्णभव,
| | / कमल से सरोवर की शोभा बढ़ जाती है" पर्याय: कमल, कँवल, अरविन्द, अरविंद, पंकज, राजीव, नीरज, सरोज, पद्म, पंकजात, पंकजन्मा, वारिज, कमलिनी, पुष्कर, सलिलज, पयोज, अंभोज, अम्भोज, अंबुज, रवींद, रवीन्द, अब्ज, इंदीवर, इन्दीवर, इंदंबर, इन्दम्बर, वारिरुह, वनरुह, पाथोज, पिंडपुष्प, पिण्डपुष्प, प्रफुला, प्रफुल्ला, जलेज, जलेजात, शृंग, कंज, कुंद, कुन्द, श्रीवास, श्रीवासक, अर्कबंधु, अर्कबन्धु, जलरुह, श्रीगेह, श्रीधाम, शतपत्र, नलिन, शतदल, तामरस, पर्णसि, आस्यपत्र, पुरइन,
| | जल में उत्पन्न होने वाला एक पौधा जो अपने सुन्दर फूलों के लिए प्रसिद्ध है:"बच्चे खेल-खेल में सरोवर से कमल उखाड़ रहे हैं" पर्याय: कमल, कँवल, अरविंद, अरविन्द, पंकज, नीरज, पंकजात, पंकजन्मा, पुष्कर, अंज, अंभोज, अम्भोज, इंदीवर, इन्दीवर, इंदंबर, इन्दम्बर, अंबुज, पाथोज, पद्म, वारिरुह, प्रफुला, प्रफुल्ला, जलेज, जलेजात, शृंग, श्रीवास, श्रीवासक, पयोज, जलरुह, श्रीगेह, श्रीधाम, शशिपुष्प, शतपत्र, रविनाथ, रवींद, रवीन्द, नलिन, वारिज, शतदल, पंकेज, पंकेरुह, तामरस, पुरइन,
| | एक प्रकार के बड़े घोंघे का कोष जो बहुत पवित्र माना जाता है और देवताओं के आगे या धार्मिक अनुष्ठानों आदि में बजाया जाता है:"पंडितजी सत्यनारायण कथा के दौरान शंख बजा रहे थे" पर्याय: शंख, शङ्ख, अंभोज, अम्भोज, कंबु, कम्बु, कंबुक, कम्बुक, अंबुज, शंबुक, शम्बुक, शंबूक, शम्बूक, अब्ज, अब्धिज, संबुक, सूचिकामुख, दीर्घनाद, चंद्रबंधु, चन्द्रबन्धु, सिंधुज, सिन्धुज, सिंधुपुष्प, सिन्धुपुष्प, दैवारिप, अर्णभव, बहुनाद,
| | जल में उत्पन्न वस्तु:"शंख, कमल आदि अंबुज हैं" पर्याय: अंबुज,
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