कईबार हम शरीर की माँग को नहीं सुनते और अतिदुष्ट आदतों को जारी रखते हैं।
2.
इसके बाद अनजाने सक्रिय प्रतिभागी इस पर अचानक आक्रमण करते हैं और अपना अतिदुष्ट कार्य शुरू कर देते हैं।
3.
जो अतिदुष्ट और विषयी हैं, वे अभागे बगुले और कौवे हैं, जो यहां आने में हार मान जाते हैं।
4.
शास्त्रानुसार श्रवण, मनन आदि चेष्टाओं द्वारा परमार्थभूत आत्मतत्त्व का विचार न कर रहे अतएव उक्त पुरुषार्थसाधन से शून्य मूढ़ पुरुषों की अनन्त नरकों की हेतु होने के कारण अतिदुष्ट भोगेच्छा के लिए धिक्कार है।
5.
ऊर्वोस्तु दक्षिणेनैव परिजग्राह पाणिना ॥ (पूर्वोक्त, सर्ग ४ ९, छन्द १ ६, १ ७) काम से मोहित अतिदुष्ट राक्षस रावण ने सीता के निकट जाकर उन्हें पकड़ लिया, मानों कि आकाश में बुध ने रोहिणी को जकड़ लिया हो ।