दोनों के ही वर्तनी जाँच परिणाम आमतौर पर एक जैसे रहे, दोनों में ही हिंदी के कुछ आम प्रचलित सही शब्दों को भी गलत समझ कर लाल रंग से रंग दिया गया.
12.
विशेष रूप से दिलचस्प है कि दिये गये पूर्व प्रमाण की कमी वह जाँच परिणाम है जिसमें एक नमूने भारत में बच्चे का पोषण सकारात्मक रूप से दादियों / नानियों की शिक्षा से संबंधित है।
13.
यह जाँच परिणाम उसी अध्ययन के पूर्व जाँच परिणामों के समान है यह दिखाते हुए कि देख-रेख की निम्नतर गुणवत्ता की अपेक्षा देख-रेख की उच्चतर गुणवत्ता अधिक अनुकूल परिणामों के साथ सम्बद्ध है।
14.
अतः ये जाँच परिणाम माता बच्चे की जोड़ी से उनके परिवार और संप्रदाय के विस्तृततर संदर्भ की ओर पोषण नीति और कार्यक्रमों के संकेन्द्रन फोकस को प्रसारित करने की एक माँग का समर्थन करते हैं।
15.
जाँच परिणाम संकेत कर सकते हैं कि ऐसी माताएँ जो अपने शिशुओं के संकेतों के प्रति कम संवेदनशील होती हैं या वे जिनके ऐसे बच्चे होते हैं जो उन्हें कम व्यस्त रखते हैं अधिक घंटों के लिए बाल देख-रेख का उपयोग करती हैं।
16.
लेखकों ने निर्दिष्ट किया कि माता-बच्चे की पारस्परिक क्रिया और देख-रेख के घंटों के बीच एक अल्प नकारात्मक संबंध तथा देख-रेख की गुणवत्ता के साथ एक अल्प सकारात्मक संबंध के जाँच परिणाम सुझाव दे सकते हैं कि बाल देख-रेख के साथ संयोजनाएँ माताओं के एक उत्पाद से अधिक है जो देख-रेख के एक परिणाम की अपेक्षा स्वयं बाल-देखरेख का उपयोग करती हैं।
17.
अतः प्रेस परिषद् का सुझाव है कि जब कभी भी समाचारपत्र मतदान-पूर्व सर्वेक्षण प्रकाशित करते हैं, तो उन्हें उन संस्थाओं जिन्होंने ऐसे सर्वेक्षण किये हैं, व्यक्ति और संगठन जिन्होंने सर्वेक्षण करवाये हैं, चयन किये गये नमूने का आकार-प्रकार जाँच परिणाम हेतु नमूने के चयन का तरीका और जाँच परिणाम में त्रुटि की संभावित गुजाइश का संकेत देते हुए उन्हें सुस्प-ट रूप से प्रस्तावना में देने का ध्यान रखना चाहिए।
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अतः प्रेस परिषद् का सुझाव है कि जब कभी भी समाचारपत्र मतदान-पूर्व सर्वेक्षण प्रकाशित करते हैं, तो उन्हें उन संस्थाओं जिन्होंने ऐसे सर्वेक्षण किये हैं, व्यक्ति और संगठन जिन्होंने सर्वेक्षण करवाये हैं, चयन किये गये नमूने का आकार-प्रकार जाँच परिणाम हेतु नमूने के चयन का तरीका और जाँच परिणाम में त्रुटि की संभावित गुजाइश का संकेत देते हुए उन्हें सुस्प-ट रूप से प्रस्तावना में देने का ध्यान रखना चाहिए।
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अतः प्रेस परिषद् का सुझाव है कि जब कभी भी समाचारपत्र मतदान-पूर्व सर्वेक्षण प्रकाशित करते हैं, तो उन्हें उन संस्थाओं जिन्होंने ऐसे सर्वेक्षण किये हैं, व्यक्ति और संगठन जिन्होंने सर्वेक्षण करवाये हैं, चयन किये गये नमूने का आकार-प्रकार जाँच परिणाम हेतु नमूने के चयन का तरीका और जाँच परिणाम में त्रुटि की संभावित गुजाइश का संकेत देते हुए उन्हें सुस्प-ट रूप से प्रस्तावना में देने का ध्यान रखना चाहिए।
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अतः प्रेस परिषद् का सुझाव है कि जब कभी भी समाचारपत्र मतदान-पूर्व सर्वेक्षण प्रकाशित करते हैं, तो उन्हें उन संस्थाओं जिन्होंने ऐसे सर्वेक्षण किये हैं, व्यक्ति और संगठन जिन्होंने सर्वेक्षण करवाये हैं, चयन किये गये नमूने का आकार-प्रकार जाँच परिणाम हेतु नमूने के चयन का तरीका और जाँच परिणाम में त्रुटि की संभावित गुजाइश का संकेत देते हुए उन्हें सुस्प-ट रूप से प्रस्तावना में देने का ध्यान रखना चाहिए।