क्रय-बही के प्रमाणन में अंकेक्षक को निम्नलिखित बातों पर ध्यान देनाचाहिएः (१) क्रय-बही की जाँच का अर्थ वास्तव में बीजकों की जाँच से होता है, क्योंकि इन्हीं के आधार पर क्रय-बही में लेखे किये जाते हैं.
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(९) आवश्यकता अनुभव करने पर अंकेक्षक को क्रय-बही की जाँच के लिएअंकेक्षण वर्ष के सकल लाभ का उस वर्ष के क्रय के साथ अनुपात ज्ञात करकेगत वर्ष के इसी प्रकार के अनुपात से तुलना करनी चाहिए.
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इस कुल समय का क्रय-बही का योग क्रय खाते में `ठोसुन्ड्रिएस् अस् पेर् पुर्च्हसेस् भोओक् ' के नाम से लिख दिया जाता है और प्रत्येकक्रय का लेखा उन व्यक्तियों के खातों में जमा किया जाता है जिनसे मालक्रय किया जाता है.