जागीर सिंह एक नंबर का गुंडा, बदमाश, उठाईगिरा, गिरहकट, ठग था लेकिन अपने छः भाइयों के मुकाबले में वह देवता था.
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लेकिन चूँकि अपनी इस अतिशिक्षा और अतिसं स् कृति के सौष् ठव को उद्घाटित करते रहने के लिए, जो स्निग् ध प्रसन् नमुख चाहिए, वह न होने से मैं उठाईगिरा भी लगता हूँ-अपने-आप को!